Making mentally stable through the power of spirituality.
Removes hurdles in the path of peace.
Having expertise in Niryamana at end time for samadhi.
Making mentally stable through the power of spirituality.
क्या है शाता ?
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"शाता" याने "मानसिक राहत" या "सांत्वना"। यह मानसिक संतुष्टि और शांति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे व्यक्ति विशेष रूप से अस्वस्थता के समयमें प्राप्त करना चाहते हैं।
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"शाता" एक शब्द है जो मानसिक शांति, संतुष्टि और शांति का प्रतीक है, जो चतुर्विध श्री संघ को, विशेष रूप से बुजुर्गों और स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों को मानसिक शाता और प्रसन्नता प्रदान करने के "शातासेतु" के मूल उद्देश्य को दर्शाता है।
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शाता देकर मोक्षपद तक की प्राप्ति हो सकती है। शाता प्रदाताओं के महान आदर्श है रेवती श्राविकाजी हैं, जिन्होंने भगवान महावीर को शाता अर्पित करके तीर्थंकर नामकर्म का बांध किया। साथ ही भगवान आदिनाथ के पूर्व जन्म जीवानंद श्रावक थे जिन्होंने मुनि भगवंत को बहुत शाता प्रदान की थी।
हम क्या है ?
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"शातासेतु" कलापूर्णम् तीर्थधाम देवलाली द्वारा शुरू किया गया एक निस्वार्थ प्रयास है, जो मधुर संगीत, मनोरम कहानियों और आनंदमय हास्य के माध्यम से साधु - साध्वीजी भगवंत और बुजुर्ग एवं शारीरिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को मानसिक राहत और सांत्वना प्रदान करने के लिए समर्पित है
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शातासेतु सबसे अहम कार्य के रूपमें शाता-प्रसन्नता प्राप्त करने वाले व्यक्ति से बातचीत कर, उनकी परेशानियों को दूर करना, उनकी पुरानी यादों को ताजा करना, उनके अच्छे कार्यों की अनुमोदना करना एवं उनके परिवार के सदस्यों को भी कैसे एक खुशहाल परिवार की रचना करनी हैं उसके बारे में बताया जाता है जिसके कारण सभी परिवारजन एक आनंदमय जीवन की प्राप्ति कर सके।
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साथ ही परमात्मा भक्ति, Positive Stories, शायरी, चुटकुले एवं कविताओ के माध्यम से प्रसन्नता–शाता देने का प्रयास करता है।
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अंतिम समय गुजार रहे परिजन को समाधि भी प्रदान की जाती है।
क्यों शातासेतु ?
WHY
US
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वर्तमान युग में, दुनिया भर में कई साधु - साध्वीजी भगवंत और जैन श्रावक - श्राविका उम्र बढ़ने और बीमारी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करते हैं। बुजुर्ग सदस्यों की अक्सर अपने परिवारों से पूरी देखभाल की जाती है, किन्तु ऐसे अवसर भी आते हैं जब उन्हें मानसिक सांत्वना की कमी महसूस होती है। इसी तरह, बीमारी से जूझ रहे व्यक्तियों को उन सुविधाओं से लाभ होता है जो उनकी शारीरिक भलाई को बढ़ाती हैं, फिर भी कभी-कभी उनमें मानसिक शांति की कमी होती है। यह एक समर्पित मंच की आवश्यकता पर जोर देता है जो मानसिक शांति और संतुष्टि प्रदान कर सके। ऐसा कोई मंच वर्तमान में अनुपस्थित है, जिससे मानसिक शांति और प्रसन्नता प्रदान करने के लगातार प्रयासों में कमी आ रही है।
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"बुढ़ापे और बीमारी के आधुनिक युग में, जहां शारीरिक देखभाल प्रचुर मात्रा में है, मानसिक सांत्वना प्राप्त करने का एक मंच पूर्ण कल्याण की लुप्त कुंजी है।"
हमारा विज़न
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"हमारी दृष्टि दुनिया भर में हर जैन समुदाय के सदस्य को मानसिक 'शाता' प्रदान करने एवं उनकी प्रसन्नता में बढ़ावा करने की हैं। हम शाता - प्रसन्नता प्राप्त करने क्व लिए जैन समुदाय के भीतर सबसे पहली पसंद बनने की आकांक्षा रखते हैं।"
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"हमारा दृष्टिकोण वैश्विक स्तर पर जैन समुदाय के सदस्यों को 'शाता' (मानसिक राहत) प्रदान करना है, जो मानसिक शांति और खुशी पैदा करने के लिए उनका पसंदीदा गंतव्य बन जाए।"
हमारा मिशन
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"हमारा मिशन प्रत्येक जैन के जीवन को सकारात्मकता, सांत्वना और खुशी से भरना एवं वैश्विक जैन समुदाय के प्रत्येक सदस्य को उनकी मानसिक शाता को बढ़ावा देने के लिए अटूट समर्थन प्रदान करना है।"
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"हमारा मिशन वैश्विक जैन समुदाय के प्रत्येक सदस्य के लिए सकारात्मकता, सांत्वना और खुशी लाना, मानसिक कल्याण और समर्थन को बढ़ावा देना है।"
कार्यव्याप
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शातासेतु की यह सुविधा पूरे World में उपलब्ध है।
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जिसमें मुंबई और अहमदाबाद में आपके निवास पर आकर प्रसन्नता – शाता – समाधि प्रदान की जाती है।
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एवं अन्य स्थानोमें (मुंबई और अहमदाबाद के अलावा) Online माध्यम से आपको प्रसन्नता – शाता – समाधि प्रदान की जाती है।
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और यह शाताप्रदान आपके ही अनुकूलता के समय किया जाता है।
Scope of Work
हमारे प्रसन्नता देने के माध्यम
गीत संग्रह
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समाधि दायक गीत
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शत्रुंजय
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गिरनार
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आदिनाथ भगवान
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शांतिनाथ भगवान
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नेमिनाथ भगवान
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पार्श्वनाथ भगवान
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महावीर स्वामी
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